शनिवार, 12 मार्च 2011

वेट ऑफ़ डिस्क्रीमिनेसन :डीप बेली फैट.

जो लोग बात बात में औरों के साथ तानाकशी करतें हैं और ऊपर से कहतें हैं ,मैंने क्या तुझे लठ्ठ मारदिया ,तेरी भैंस खोल के बेच दी वह इस छींटाकशी से औरों का अपने अनजाने ही विसेरल फैट (इन्टरनल ओर्गेंस में ज़माफैट ,खासकर एब्डोमिनल अंगों )बढा देतें हैं .
याले विश्विवद्यालय के रिसर्चरों के अनुसार जिन महिलाओं के साथ ज्यादा पक्षपात और दुभांत होती है उनमे विसेरल फैट भी उसी अनुपात में ज्यादा बढ़ जाता है .खासबात यह है इसकी खबर भी नहीं रहती .तानाकशी स्किनी लोगों को भी नहीं छोडती है .'रोल्स' और' फ्लेप्स' की तरह यह मुखरित नहीं होती है गुप्त बनी रहती है ।
इस प्रकार की फैट का सम्बन्ध दिल की बीमारियों से ,मधुमेह और दूसरी बड़ी सेहत से जुडी समस्याओं से जोड़ा है इस अध्ययन ने जिसका प्रकाशन अमरीकी जर्नल ऑफ़ एपिडेमियोलोजी में हो चुका है ,इसमें ४०२ अफ़्रीकी -अमरीकी ,तथा अमरीकी गौरी औरतों की शिकागो क्षेत्र में पड़ताल की गई थी ।
उनसे उनके साथ होने वाली हर तरह की अवहेलना ,पक्षपात के बारे में उनके रंग रूप नस्ल ,एथनिसिटी को लेकर विस्तार से पूछा गया .गत इक साल में कहाँ कहाँ उन्हें रेस्तरा स्टोर्स आदि में अपमान का घूंठ पीना पड़ा .कहाँ कहाँ उनकी बुद्धिमत्ता को निशाने पर लिया गया ।

सभी औरतों के विसरल फैट का पता टोमोग्रेफी स्केन्स से लगाया गया .जिनके साथ हर कदम पर ज्यादा पक्षपात हुआ उन्हीं में विसरल फैट ज्यादा दिखा ।
दरअसल उन तनाव के क्षणों में जब कोई हमारा अपमान करता है हमारे शरीर से कोर्टिसोल का स्राव होने लगता है .यही उदर गुहा (गुफा ,एब्डोमिनल केविटी )के अंदरूनी अंगों में चर्बी (वसा ,फैट )ज़मा होने की वजह बनजाता है ।
अध्ययन से पता चला जो भी पक्षपात से दो चार रहा उसकी सेहत को नुकसान पहुंचा ,इस मामले में काले गोरे ,हिस्पेनिक ,एथनिक माइनियोरिती के लोगों में कोई भेद नहीं रखा गया था .सवाल डिस -क्रीमी -नेसन से जुड़ा था ,जो किसी न किसी मोड़ पर इनमे से हर किसी के साथ हुआ था .

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