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सोमवार, 14 मार्च 2011

मैग्नीशियम क्लोराइड तथा पोटेशियम क्लोराइड जैसे गैर -सोडियम लवण क्या सोडियम साल्ट्स से बेहतर हैं ?

आर नॉन -सोडियम साल्ट्स लाइक मैग्नीशियम क्लोराइड ,पोटेशियम क्लोराइड एनी हेल्दियर देन पोटेशियम क्लोराइड ?
पहले तो आपको बतलादें मैग्नीशियम क्लोराइड का स्तेमाल बर्फ को पिघलाने के लिए किया जाता है यह खाद्य सोडियम क्लोराइड (टेबिल साल्ट )का विकल्प नहीं है ।
अब मूल सवाल की ओर लौटतें हैं .सबसे पहले देखें माहिर क्या कहतें हैं खुराकी सोडियम क्लोराइड के डेली इंटेक के बारे में ?
माहिरों के अनुसार अमरीकियों को टेबिल साल्ट की मात्रा को रोजाना २३०० मिलिग्रेम से नीचे -नीचे ही रखना चाहिए .इसमें वह ७०%आपूर्ति भी शामिल है जो संशाधित खाद्य (ग्रोसरी ,रेस्तरा में परोसा जाने वाला रेडी मिल्स मुहैया करवा देता है )।
हर्ब्स और मसालों को सोडियम साल्ट का बेहतर विकल्प बतलाया गया है जो खाने को सुस्वादु भी बनातें हैं टेबिल साल्ट की तलब और ज़रूरीयात को भी कमतर रखने में सहायक हैं ।
माहिरों ने ५१ बरस और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को साल्ट इंटेक १५०० मिलिग्रेम तक प्रति दिन सीमित रखने को कहा है .
अफ़्रीकी -अमरीकियों के अलावा उन सभी के लिए इन सिफारिशों के गहरे अर्थ हैं जो डायबिटीज़ ,क्रोनिक किडनी दीजीज़ ,हाई -पर -टेंसन आदि की पहले ही चपेट में हैं .सोडियम क्लोराइड की खुराकी मात्रा सीमित रखने से ब्लड प्रेशर को सीमित रखने में मदद मिलती है यही हाई -पर -टेंसन के रूप में हार्ट दीजीज़ और स्ट्रोक की नींव रखता है ।
सोडियम का अतिरिक्त (अवांछित )सेवन वाटर रिटेंशन की वजह बनता है .आखिर में यही वाटर रिटेंशन ब्लड वेसिल्स की दीवारों में स्ट्रेचिंग (गैर ज़रूरी खिंचाव )की वजह बनजाता है .फलस्वरूप ब्लड प्रेशर पहले की बरक्स और भी ज्यादा बढ़ जाता है ।
उम्रदराज़ लोगों के लिए इसके खासमानी हैं ,ख़ास अर्थ ,खास मायने निकलतें हैं क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ ब्लड वेसिल्स वैसे भी अपनी लोच खोके स्टिफ होने लगतीं हैं ऐसे में ब्लड प्रेशर वैसे भी बढ़ जाता है .
अब आतें हैं "सी -साल्ट "पर जो बिला शक सोडियम की बनिस्पत कम संशाधित रहता है ,इसमें अल्पांश में अन्य खनिज भी रहतें हैं ,लेकिन सोडियम की मात्रा वजन के हिसाब से उतनी ही रहती है .लेकिन इसके क्रिस्टल्स थोड़ा सा बड़े होतें हैं ,इसकी कोअर्स प्रकृति की वजह सेयह उतना बारीक भी नहीं होता है टेबिल साल्ट की तरह . .यह तेज़ स्वाद लिए होता है यानी ज्यादा नमकीन है कम से ही काम चल जाता है .आयोडीन का भी इसमें अल्पांश रहता है बेशक आयोडीन की कमी से अमरीकी ग्रस्त न हों लेकिन टेबिल साल्ट में आयोडीन मिलाया ही जाता है .जबकि सी -साल्ट में एडिड आयोडीन नहीं रहता है .
अब आतें हैं पोटेशियम क्लोराइड पर जो सोडियम क्लोराइड का विकल्प ज़रूर है ,ब्लड प्रेशर भी इससे सोडियम क्लोराइड के समान नहीं बढ़ता है लेकिन हार्ट मेडिकेसंस (दिल की बीमारियों के प्रबन्धन में )पोटेशियम का स्तर वैसे भी बढ़ जाता है .अलावा इसके हार्ट फेलियोर और ब्लड प्रेशर ,किडनी दीजीज़ से ग्रस्त लोगों को इसका विवेकपूर्ण स्तेमाल ही करना होगा .कुलमिलाकर नमक का बहुविध सेवन किसी भी विध अच्छा नहीं है .चीनी की मात्रा सब घटाने की सोचतें हैं नमक की कोई नहीं .जबकि हमारे वजन में हाइड्रोलिक वेट की हिस्सेदारी खासी ज्यादा रहती है इसी नमक की वजह से .नमक की कीमत चुकानी पडती है. याद कीजिये फिल्म शोले का डायलोग -सरदार मैंने आपका नमक खाया है .अब गोली भी खा "यही कहा था न गब्बर ने "?

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