ram ram bhai
पेज
(यहां ले जाएं ...)
मुखपृष्ठ
▼
शुक्रवार, 25 जून 2021
फ़ितरती दादी की करतूतें मुसोलिनी फरमान -१
भारत के जिस संविधान को सुदर्शना इंदिरा ने कागज़ के एक टुकड़े में बदलने की कोशिश की थी उसे भारत का प्रियदर्शिनी ब्रांड दिखाऊ संविधान बनाने की कोशिश की थी उसी की अगली कड़ी थी तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह की सरकार के एक बहुमत से लिए गए फैसले को कांग्रेसी शहज़ादे द्वारा नै दिल्ली के कोंस्टीटूशन क्लब में कागज़ का एक बेकार टुकड़ा समझ कर कैमरे के सामने फाड़ देना ।
आजकल ये शहज़ादे ग्यानी बाबा के नाम से जाने जाते हैं। इनके नाम भी काम के अनुरूप कई कई हैं जो समय के साथ बदलते रहें हैं कभी अबुधकुमार ,कभी मंदबुद्धि बालक तो कभी मतिमंद राजकुमार ,शहज़ादा -ए -कांग्रेस तो बारहा ट्वीट कांग्रेस के 'ट्रोल' की संज्ञा से भी नवाज़ा गया है।
बहरहाल यहां हमारा मकसद शहज़ादे की जग ज़ाहिर करनी नैत्यिक ट्रोल्स को, ट्वीट्स को सामने लाना नहीं हैं। ना ही बहुचर्चित टूल किट के बारे में कुछ कहना है बल्कि -
इस देश के संविधान ,तमाम संविधानिक संस्थाओं और प्रमुखों को दिखाऊ तीहल बनाके छोड़ देने वाली उनकी दादी की करनी को उजागर करते हुए यह बतलाना है कि आजकल ज़ीन्यूज़ चैनल का नामचीन राष्ट्रीय विचार परोसने वाला कार्यक्रम "डीएनए सुधीर चौधरी के साथ" एक तीन दिनी क्लास का आयोजन कर रहा है।
इसी कार्यक्रम का पहला पाठ यहां परोसा जा रहा है जो मशहूर दादी के काले कारनामे की पूरी खबर आपको देगा -क्या हुआ था पच्चीस जून की आधी रात को , छब्बीस जून की सुबह को और उससे भी पहले १९७१ से १९७६ की अवधि में कैसे ३९ संविधान संशोधन अध्यादेश की शक्ल में ज़ारी किये गए थे ?कैसे संविधान को ड्रेगन की तरह जेब में डालकर खानदानी बनाने की कोशिश की गई।
फितरती दादी की करतूतें मुसोलिनी फरमान -१
https://www.youtube.com/watch?v=iQthEoayrBE
#DNA
#EmergencyInIndia
#IndiraGandhi
DNA: June 25, 1975 की दुर्भाग्यपूर्ण घटना 'आपातकाल' का Revision | Emergency in India | Indira Gandhi
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें