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बुधवार, 31 अगस्त 2011

जब पड़ी फटकार ,करने लगे अन्ना अन्ना पुकार ....

जिन के हाथों में कल तक डंडे थे वो अब गुलदस्ते लेकर आ गयें हैं .दुश्मनी बहुत महंगी पड़ी अन्ना से इतनी की अब किसी से आँख भी न मिला पा रहें रहें हैं ।
जब पड़ी फटकार ,करने लगे अन्ना -अन्ना पुकार .
इस दौर में इन्हीं के कई प्रवक्ता अब स्वगत कथन करते से बुद्बुदातें हैं -"अन्ना जी में किसी दैवीय शक्ति का वास है .जो कुछ कह रहें हैं ,जो कुछ उनके मुख से निकल रहा है ,वही सच हो रहा है ."इसलिए अब ये दोस्ती का हाथ बढा रहें हैं ।
मेदान्ता में गेट वेळ सून के साथ "बोके "भेज रहें हैं ।
बशीर बद्र साहब बहुत पहले कह गए हैं -
दुश्मनी लाख सही ,ख़त्म न कीजे रिश्ते ,
दिल मिले या न मिले ,हाथ मिलाते रहिये ।
ये नया दौर है अन्ना से न बगावत करिए ।
सिर्फ पांच कौवे कांव कांव कर रहें हैं और इसे पूरी संसद का अपमान कह रहें हैं .क्रेनबेदी के संग विशेषाधिकार समिति में कड़े सवाल पूछने की बात कर रहें हैं ।

मंगलवार, ३० अगस्त २०११

नाट्य रूपांतरण किया है किरण बेदी ने .;

किरण बेदी जी ने जो कुछ कहा है वह महज़ नाट्य -रूपांतरण हैं उस जनभावना का जो भारतीय राजनीति के प्रति जन मन में मौजूद है .दृश्य की प्रस्तुति उनकी है .संवाद श्री ॐ पुरी जी के हैं ।
किरण ने घूंघट की ओढनी की ओट से जो कुछ कहा है वह सर्वथा भारतीय नारी की मर्यादा के अनुरूप है ,उपालम्भ शैली में है ।
पुरी सम्पूर्ण पुरुष है ,अपनी प्रकृति स्वभाव के अनुरूप कहा है जो कुछ कहा है .कहा किरण जी ने भी वही है .बस पुरुष और नारी के स्वभाव का सहज अंतर है यह ।
अनुपम खैर जैसी अजीमतर शख्शियत ने पुरी के वक्तव्य पर मोहर लगाते हुए कहा है -आम भारतीय घर में यही सब बोला जाता है इनसंसदीय - तोतों के बारे में जो विशेषाधिकार हनन की बात कर रहें हैं ।
बुलाये संसद और राज्य सभा की विशेषाधिकार समिति टीम अन्ना को ,ॐ जी को ,दस लाख लोग आजायेंगे उनके पीछे पीछे .इनकेसाथ अपने तोता पंडित वीरुभाई और वागीश जी भी होंगें .बेहतर हो डिब्बे का दूध पीने वाले जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ न करें .आदर दे जन मन को ,जन -आक्रोश को इसी में भली है .
DO YOU KNOW :Infants need daily exercise
एक ब्रितानी अध्ययन ने इंगित किया है नौनिहालों के लिए भी कसरत करना ज़रूरी है भले वह अभी "मैयां मैयां ठुमक ठुमक चलना न सीख पायें हों .कोईछूट नहीं दी जा सकती इन नौनिहालों को ,शिशुओं को कसरत से .
माँ बाप को यह सुनिश्चित करना चाहिए उनका १-५ साला नन्द लाल और राधायें कम से कम दिन भर में तीन घंटा ज़रूर सक्रिय रहें .
दो साल से नीचे की उम्र के शिशुओं को कदापि टेलिविज़न (बुद्धू बक्से )या फिर कंप्यूटर के सामने न बिठाएं . विनाश काले विपरीत बुद्धि ,सुन निर-बुद्धि

सोमवार, २९ अगस्त २०११

क्या यही है संसद की सर्वोच्चता ?

जहां अध्यक्ष लाचार है ,बारहा कह रहा है हाथ जोड़ कर "बैठ जाइए ,बैठ जाइए "और वक्ता मानसिक रूप से बीमार है .शेष सांसद मानो बंधक बने बैठे हों ,और वक्ता हर वाक्य के अंत में "हप्प हप्प "करता हो ,चेहरे को गोल गोल बनाके इधर उधर घुमाता हो .उपहासात्मक मुख मुद्रा बनाए हुए .दो तरह का भाव होता है वक्ता का एक संवेगात्मक और एक एहंकार का .यहाँ कायिक मुद्रा में भी दंभ है प्रपंच है .क्या यही है -"संसद की सर्वोच्चता "?जो लोग संसद में ,मर्यादा बनाके नहीं रख सकते,ठीक से खड़े नहीं हो सकते , वही लोग संसद के बाहर "विशेषाधिकार हनन की बात करतें हैं .
जय अन्ना !जय भारत !जय किरण बेदी जी ....जय! जय !जय
इसी चीनी एजेंट ने रामदेव जी के साथ बदसुलूकी करवाई थी .
भाई साहब इस आदमी का असली नाम श्याम राव है ,यह आंध्र प्रदेश से १९६७-६८ के आस पास हरियाणा के हिसार स्थित छाज्जू राम जाट महाविद्यालय में पधारे थे ,इन्होनें तत्कालीन प्राचार्य के सम्मान में अपना भाषण पढ़ा था .रात इन्होनें हमारे परम मित्र डॉ .नन्द लाल मेहता "वागीश "जी के संग बिताई थी जो उस वक्त इसी महाविद्यालय में हिंदी विभाग में व्याख्याता थे ।हम उन दिनों नेशनल कोलिज सिरसा में थे .हरयाना का तब आखिरी जिला था मंडी डबवाली से सटा हुआ .
कुछ अरसे बाद मेहता जी की इनसे भेंट हरयाना के झज्जर नगर (अब जिला ) में स्वामी अग्नी वेश के रूप में हुई .वाणी के प्रखर इस कुतर्क पंडित में सबको अपने माया जाल में फंसाने की क्षमता है .तब कोर्पोरेट समितियों के सेवा निवृत्तडिपुटी रजिस्ट्रार श्री कर्ण सिंह (झज्जर निवासी )जो गुडगाँव से सेवा निवृत्त हुए थे ने मित्र वर -मेहता जी को बतलाया था ,ये भगवा धारी कई मर्तबा "चीनी दूतावास "से निकलता बड़ता देखा गया है .इसे चीन ने हिन्दुस्तान से आर्य समाज को समूल नष्ट करने के लिए इम्प्लांट किया है .अपने उस मिशन में यह कमोबेश ही कामयाब रहा है .तब मेहता जी इसके भगवा वस्त्रों का लिहाज़ कर गए थे ।लेकिन यह नक्सली है .
हमारे पास पक्की खबर है "स्वामी राम देव "को रामलीला मैदान से गए रात अपमानित करवाने वाला यही खर दिमाग "स्वामी छद्म वेश "था .मेहता जी अर्बन इस्टेट सेक्टर चार,गुडगाँव में रहतें हैं .तब वह इनका लिहाज़ कर गए थे ,उम्र ही क्या थी तब हम लोगों की .आज वह सब कुछ बताने को तत्पर हैं .

7 टिप्‍पणियां:

  1. एक राह तो सदा ही खुली रहनी चाहिये।

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  2. अन्ना की जय जयकार तो हम भी कर रहे हैं ।

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  3. वीरू भाई राम-राम !
    लाठी पड़ी है बेआवाज़.
    ये है जनता की आवाज़.....

    गल्ती सुधार का शुक्रिया !
    आभार!

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  4. खूब लपेटा है भाई ,वीरू भाई इसलिए ही तो हैं

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  5. वीरू जी आप ने सही कहा...गणेश चतुर्थी की शुभकामना....

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