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सोमवार, 20 जून 2011

सोनिया गांधी एंड कम्पनी :लूट रोकने की नीयत ही कहाँ थी (ज़ारी ..)

सोनिया गांधी एंड कम्पनी ....गत पोस्टों से आगे का सफ़र .....
इस बात को साबित करने के लिए कि यू पी ए -२ की मंशा विदेशों में जमा रकम वापस लाने की रही ही नहीं है ,ज्यादा मशक्कत करने की ज़रुरत ही नहीं पड़ेगी .चंद उद्धरण देना काफी होगा .गौर करें -
फरवरी २००८ में ही जर्मन अधिकारियों ने उन देशों के बारे में विस्तृत सूचना खंगाल ली थी जहां के नागरिकों ने चोरी की रकम यहाँ के एक नाम चीन बैंक (लिश्तेंस्तीं बैंक )में जमा करवा रखी थी ।
इनमें २५० नामी -गिरामी लोग भारत के भी थे .जर्मनी के वित्तीय मंत्रालय ने इन खाताधारियों के नाम सम्बद्ध देशों की सरकारों को मुहैया करवाने की पेशकश भी कर दी थी .लेकिन भारत के सत्ता प्रतिष्ठान ने इसमें जाहिरा तौर पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई ।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने साफ़ लिखा भारत सरकार के वित्त मंत्रालय और प्रधान मंत्री कार्यालय की इस बाबत ज़रा भी दिलचस्पी नहीं है कि इस रसूख - दार बैंक में किस किस के लोकर्स हैं ।
बतलादें आपको भारत सरकार की कर सम्बन्धी एक संधि है जर्मनी के साथ(टेक्स ट्रीटी )जिसके तहत कोई भी सूचना कर चोरों की भारत सरकार को गुप्त रूप में ही मुहैया करवाई जा सकती है ।
जब सरकार पर मीडिया और इधर उधर से दवाब बढा सरकार ने बुझे मन से यही पेश का कर दी ।
दोनों में अंतर क्या है .संधि के तहत कोई भी सूचना सार्वजनिक नहीं की जाती है ,अन्दर खाने बात रह जाती है .अन्दर की बात बन जाती है साहब वह ।
पुणे का होर्स -ब्रीडर हसन अली अब आम औ ख़ास के लिए जाना पहचाना नाम है डेढ़ लाख करोड़ की मिलकियत है इस शख्स की स्विस बैंक में .
आयकर विभाग को ७१८४८करोद रूपये का चूना लगा चुका है यह आदमी ।
इस बाबत स्विस सरकार को भेजी रिपोर्ट को अदबदाकर दोष -पूर्ण बनाया गया .ताकि स्विस सरकार कोई वैधानिक कारवाई कर ही न सके ,भारत को कागज़ात भेजे ही ना इसे सुनिश्चित बनाया गया ।
दाखिल दफ्तर हो चुका है अब यह मामला ।
हसन अली अपना आदमी है यह अन्दर की बात है साहब .सत्ता पक्ष के इनर सर्किल का मौसेरा है ।
हवाला के रखवाले यही लोग हैं .हसन अली एक हसन अली दो एंड हसन अली तीन एंड सो ऑन।
हसन अली का पैरहन खींचना खुद नंगा होना है साहब ।
जब तक सूरज चाँद रहेगा ,सोनिया तेरा नाम रहेगा .४६२ अरब रूपये की लूट ढूंढते रह जाओगे जब तक मम्मी जी एंड कम्पनी का संदेहास्पद खाता स्विस बैंक में बरकरार है ।
माँ -बेटे की कुल रकम चुनावी पूर्व घोषणा के मुताबिक़ ३६३ लाख है .अपनी सोहनी के पास कोई कार भी नहीं है ।
तिस पर हिमाकत देखिये मम्मी जी ने १९ नवम्बर २०१० को क्या कहा -"ग्राफ्ट एंड ग्रीड आर ऑन दी राइज़ इन इंडिया "।
१९ दिसंबर२०१० को कोंग्रेस राजकुमार ने कहा -"सीवीयर पनिशमेंट शुड भी गिविन टू दी करप्ट ".
अब इसके आगे हम क्या कहें ?यही न !दे दो बबुआ !

8 टिप्‍पणियां:

  1. तिस पर भी सीनाजोरी का आलम यह है ..,..शर्म फिर भी उन्हें नहीं आती ...
    बेहया बेशरम हो गयी राजनीति इनकी रक्षक है

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  2. शर्मो हया से
    कोसों दूर हैं ये लोग ....

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  3. हालात सच में अफसोसजनक हैं...... आपकी बाते विचारणीय हैं....

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  4. दूसरों को नसीहत .खुद मियां फजीहत !

    मोर्चा खुला रहने दो ...वीरू भाई !

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  5. आज कल सोनिया जी का मान आदर से लेना पढता है .. कोई गलत बात या किसी से जोड़ कर भी कुछ कह दिया तो ... सब कांग्रेसी एक सुर में मीडिया के साथ मिल कर बैंड बजा देते हैं उसकी ... ताज़ा उधाहरण गडकरी का है ...

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  6. वाह यह भी सुन्दर ... सोहनी जी को कार की जरुरत नहीं..डिग्गी जो है !

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  7. सत्तारूढ़ों पर नमक छिड़क रहे हैं आप। भगवा ब्रिगेड से नाम जुड़ने के आसार हैं।

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  8. इस राजनीतिक हमाम में सब नंगे है।

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