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शनिवार, 30 अप्रैल 2011

कैसे तालमेल बिठाया जाए सेरिब्रल पाल्ज़ी से ?

कोपिंग एंड सपोर्ट :
जब परिवार में किसी बच्चे को सेरिब्रल पाल्ज़ी डायग्नोज़ हो जाता है रोग निदान होजाता है इस अक्षम बना देने वाले विकार का तब एक धक्का तो लगता है लेकिन यह कमर कसने और इस विकार को अपने बच्चे की बेहतरी के लिए एक चुनौती के रूप में स्वीकार करने का निर्णायक वक्त होता है .जिंदगी हौसले से ही जी जाती है ,एक निरंतर ज़ारी रहने वाली जंग है हालातों के साथ .
"मन के हारे हार है ,मन जीते जगजीत "
कुछ रणनीतियों को अम्ल में लाना होता है इसे हासिल करने के लिए :
(१)फ़ॉस्टर योर चाइल्ड्स इन -डिपें -डेंस :छोटे- छोटे, छोटे सेभी छोटे कदम की सराहन कीजिये बच्चे के जो उसने पहल करके उठाया है .आप कोई काम आसानी से और जल्दी से कर सकतें हैं लेकिन क्या ज़रूरी है आप ऐसा करें ही ।?
(२)बी एन एडवोकेट ऑफ़ योर चाइल्ड :आप बच्चे के स्वास्थ्य की निगरानी करने वाली टीम के एक एहम सदस्य हैं ,बच्चा ज्यादा वक्त आपके पास ही गुजारता है .अपने बच्चे की खुलके वकालत कीजिये उसके हित में जो भी बात ,संशय आपके दिलो - दिमाग में हैं उनके बाबत काय -चिकित्सक ,थिरेपिस्ट (फिजियो )आदि से खुलके बात कीजिये ,सवाल पूछिए मुश्किल से मुश्किल ।
(३)फाइंड सपोर्ट :माँ -बाप के रूप में आप अपने बच्चे के बारे में अपराध बोध से ग्रस्त हो सकतें हैं खुद अपने को उसके दुखों के लिए कोस सकतें हैं कुसूरवार मान सकतें हैं .
बहुत ज़रूरी है एक सहायक वृत्त ,सपोर्ट -दायरे की खोज जिसमे आपका चिकित्सक आपकी मदद कर सकता है .ऐसे संगठन ,सलाह मश्बिरा देने वाली सेवायें मौजूद रहतीं हैं ज़रुरत इन तक पहुँचने की होती है .फेमिली सपोर्ट प्रोग्रेम से लेकर स्कूल प्रोग्रेम और कोंसेलिंग तमाम तरह की सेवायें मौजूद हैं ,उनका दोहन करने की ज़रुरत है ।
(ज़ारी...).

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