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सोमवार, 21 मार्च 2011

डू यु सिट टू मच ?

सिटिंग टू मच कैन शोरतिन योर लाइफ बिसाइड्स स्टिफ जोइंट्स ,एकी मसल्स ,नंब लिम्ब्स -स्टडी ।
१,२३०० लोगों से बातचीत करने उनकी सेहत का जायजा लेने के बाद अमरीकी कैंसर सोसायटी के रिसर्चरों ने पता लगाया है ,इनमे से जोमहिलायें दिनभर में ६ घंटा बैठे रहतीं हैं उनकी असामयिक मौत की संभावना ३७%बढ्जातीहै बरक्स उनके जो दिनभर में तान घंटों से कम ही बैठी रहतीं हैं .नियमित व्यायाम भी इस खतरे को कम नहीं करपाता है जबकि मर्दों के मामले में यह १८%बढ़ जाता है .यही संभावना तब बढ़कर ९८ और ४८ फीसद हो जाती है जब ये लोग इतने ही घंटे बैठे तो रहतें हैं लेकिन व्यायाम बिलकुल भी नहीं करते ।
दरअसल बैठे रहने का नकारात्मक प्रभाव हमारे कोलेस्ट्रोल ,ट्राई -ग्लीस-राइड्स ,भूख का विनियमन करने वाले इक हारमोन लेप्टिन के अलावा उन दूसरी चीज़ों पर भी पड़ता है जिनका ताल्लुक मोटापे और दिल की बीमारियों से रहता है ।
इससे बचे रहने के लिए ज़रूरी है :
(१)हफ्ते में कमसे कम १५० मिनिट का मोडरेट से लेकर कठोर व्यायाम .यानी २० मिनिट रोजाना ।
(२)हर घंटे के बाद डेस्क छोड़कर बस चंद मिनिट घूम लें ।रक्त प्रवाह होने लगेगा ठीक ठाक .
(३)यदि यह भी मुमकिन न हो तो काम के बीच में २० मिनिट का इक ब्रेक लें उसमे यह कोटा पूरा करें ।
(४)रेज्ड डेस्क पर खड़े खड़े भी काम करके देखें .आदत डालें ऐसा करने की .
(५)इंटर ऑफिस फोन का स्तेमाल न करें ,ईमेल भी न लिखें इंटर ऑफिस ,उठकर जाएँ साथी के पासकामकाजी चर्चा के लिए ॥
(६)आस पास के काम पैदल चलकर ही कीजिये ,हर जगह गाडी न ले जाएँ ।
(७)म्युज़िक कंसर्ट की जगह डांस क्लास में जाएँ .बालिंग अलली में जाएँ ।
याद रहे "ह्यूमेन बॉडी इज नोट डिज़ा -इंद फॉर सिटिंग ".

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