गले का कोवा (काग ,कौवा )बढा हुआ हो या लटक गया हो तो क्या करें ?
हल्दी पीसी हुई बारीक (हल्दी पाउडर ,हल्दी का बारीक चूर्ण ) दोगुना शहद में मिलालें .साफ़ अँगुली या फाये से कौवा या उसके आस पास जीभ और कंठ प्रदेश में इसे लगा लें .दिन में दो तीन बार ऐसा ही करें .सोते समय ऐसा ज़रूर करें .लटका हुआ काग अपनी सही स्थिति में आ जाएगा ।
काग लटकने की शिकायत अकसर छोटे बच्चों को हो जाया करती है जिससे काग लटक कर जीभ को छूने लगता है .ऐसे में बच्चे को सूखी खांसी उठती है जो इस प्रयोग से ठीक हो जाती है .टोंसिल में भी लाभ होता है .
टोंसिल की बढ़ी हुई अवस्था में एक चम्मच पीसी हुई हल्दी और आधा चम्मच पिसा हुआ नमक एक ग्लास पानी में उबाल कर इस पानी से दिन में तीन बार गरारे करें .इससे गले की खराश और दर्द में भी आराम आता ।
बलगम खांसी एवं हरा नजला में राहत के लिए :
अदरक का रस ,पान (नागरबेल ,पान का पत्ता )का रस और शहद तीनो बाराबर मात्रा में लेकर ठीक से मिला लें .सुबह शाम आधा -आधा चममच की मात्रा में इसे उंगली से चाटें .तीन चार दिन सेवन करें ,फिर नए सिरे से इसे तैयार कर प्रयोग करें ,आराम आयेगा बलगम खांसी और हरा नजला में ।
खांसी से पीड़ित व्यक्ति अदरक का छोटा टुकड़ा धीरे धीरे चबाकर यदि चूसता रहे तब भी खांसी में राहत मिलती है ।
तेज़ खुश्क खांसी से राहत के लिए :
५ तुलसी के पत्ते ,५ काली मिर्च, ५काला मुनक्का ,६ ग्रेम गेंहू का चोकर (छानन ,बूर )६ ग्रेम मुलहठी ,३ ग्रेम बनफशा के फूल लेकर २०० ग्रेम पानी में उबालें .जब आधा रह जाए छान कर पी जाएँ .फिर गरम करें और इसमें बताशे डालकर रात सोते समय गरम गरम पी जाएँ .कपड़ा ओढ़ कर सो जाएँ .हवा से बचें .तीन चार दिन इसका सेवन करें खुश्क खांसी ठीक हो जायेगी .
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