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रविवार, 23 अगस्त 2009

क्या है ,हे -फीवर ?

स्लेश्मल झिल्ली (मूकस-मेम्ब्रेन ) की एलर्जी है ,बीमारी है हे- फीवर ,टाईप-१ ,हाई पर सेंसिटिविटी रिएक्शन है ,हे -फीवर .एस्मा (दमा रोग ,और हैव्स ,चर्म रोगों की तरह )की तरह प्रोटीन सेंसिताई -जेशन हैं ,इसकी वजह .जिसमें नासिका (नाक )और उपरी वायु मार्गों (एअर पेसेजिज़ )की स्लेश्मल झिल्लियों में सोजिश ,आंखों से पानी आना ,सिरदर्द और दमा रोग जैसे लक्षण पैदा हो जातें हैं .इसे ही एलर्जिक राय -नाइ --तिस ,पोली नोसिस ,पिरिओदिक राय -नाइ -तिस भी कह दिया जाता है ।
फूली फूली सरसों किसी की जान पे बन आती है ,तो कोई प्रकिरती के रंगों में खो जाता है ।
हवा में तैरते इतराते पराग कण ,पोलें ग्रेन्स ,फफूंद के स्पोर्स (बीजाणु ) हे फीवर की वजह बन तें हैं ,चंद लोगों में ।
(१ )स्प्रिंग टाईप आफ हे फीवरमें बांज वृक्ष के ,एश (उत्तरी अमरीका में पाये जाने वाला वाल नत का वृक्ष ),इल्महिकोरी आदि वृक्षों के पोलेंस इस एलर्जी डिजीज की वजह बनतें हैं ।
(२ )समर टाईप हे फीवर कई तरह की ग्रासिज़ (घासें )प्लान्तें ,सोरेल ,गाजर ग्रास ,कोंग्रेस ग्रास इस एलर्जी को भड़का देतीं हैं ।
(३)पतझड़ यानी फाल -राग्वीड्स के पोलेंस इसकी वजह बन जातें हैं ।
(४ )नॉन सीजनल हे फीवर में इस प्रतिकिर्या को एनीमल दंदर ,धूल पालतू (पेट्स एनिमल्स )के बाल ,बिष्टा आदि ,हे और स्ट्रा ,हाउस दस्त आदि ,कई दवाएं और खाने की चीज़ें हवा देतीं हैं .रोग एक एलर्जन्स अनेक ।
दूर रहिये इन एलर्जी कारक चीज़ों से ,पहचानिये इनको यही इलाज़ है .अलबत्ता मास्क और नेज़ल फिल्टर्स मदद गार हो सकतें हैं .एपिनेफ्राइन ,एंटी -हिस्तामिंस (एलर्जी -रोधी दवाएं )नेज़ल द्रोप्स या नेज़ल स्प्रे ,खाने की गोलियों के बतौर दिए जातें हैं ।
अस्तेमिजोल ,तर्फीनादाइन आदि ऐसे एंटी हिस्तामिंस हैं जो एन्तिकोलिनार्जिक दुष्प्रभावों से मुक्त हैं .फैसला अपने पारिवारिक चिकित्सक को करने दीजिये .आप सिर्फ़ एलर्जन्स (एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों को पहचानिये .इधर दी -सेन्सिताइज़ेशन भी बचावी चिकित्सा के बतौर होने लगा है -इस एव ज एलर्जन्स का सत्व (पोलें एक्सट्रेक्ट आफ एलार्ज़ंस )टीके के बतौर दिया जाता है .अलबत्ता खाने की चीज़ों की शिनाख्त आप ख़ुद कीजिये ,बचिए एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों से .

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