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सोमवार, 30 मार्च 2009

अफज़ल गुरु और वरुण फिरोज़ गाँधी .

है एक समानता दोनों मैं ,अफज़ल गुरु संसद पर हमला करवाता है ,वरुण अपनी कोन्स्तितुएन्क्य के मार्फ़त वोट के रास्ते पहुंचना चाहता है.फिलवक्त दोनों जेल मैं हैं .अफज़ल को फंसी की सज़ा सुना इ जा चुकी है ,लेकिन वे सेकुलर लोगों की आँख के तारे हैं ,वरुण सेकुलरों की आँख की किरकिरी बन रहे हैं इसलिए रासुका मैं बंद हैं .ये जंग भारत्धर्मी समाज की सेकुलाओं के साथ है,इसे लंबा चलना है ,धीरज रखिये :जीत भारत धर्मी समाज की ही होगी.मेनकाजी आप पुरे भारत धर्मी समाज की माँ हैं ,बेटी हैं बहिन हैं,फिक्र नहीं फक्र करना.वरुण की देश को ज़रूरत है ,वरुण देश का बच्चा है ,उम्मीद की किरण है ,रौशनी है आने वाले कल की.दोनों जेल मैं हैं तो क्या ,वज़ह तो जुदा हैं,ये क्या कम है?

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