tag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post5571417221391394775..comments2024-03-28T07:22:54.883+05:30Comments on ram ram bhai: मैं और मोर तोर तह माया , जेहि बस कीन्हें जीव निकाया। virendra sharmahttp://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-19599023518183915392014-12-15T13:58:24.756+05:302014-12-15T13:58:24.756+05:30निर्ममो निरंहकार..ममता और अहंता रहित को ही शांति म...निर्ममो निरंहकार..ममता और अहंता रहित को ही शांति मिलती है...सुंदर बोध देती पोस्ट ! Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-47267325291516834472014-12-15T11:39:08.717+05:302014-12-15T11:39:08.717+05:30माया तेरे कितने रूप ...
सहज और शुद्ध व्याख्या ... ...माया तेरे कितने रूप ...<br />सहज और शुद्ध व्याख्या ... राम राम जी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-22601486035816328132014-12-14T16:06:16.379+05:302014-12-14T16:06:16.379+05:30भाई वीरेंद्र कुमार जी ,आप ने बहुत सुन्दर और सरल व...भाई वीरेंद्र कुमार जी ,आप ने बहुत सुन्दर और सरल व्याख्या किया हैlइसके लिए बधाई स्वीकार करें !<br />'कृपया सिद्ध करें कि आप कोई रोबोट नहीं हैं'<br />को हटा दें तो आसानी होगी !कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-88442030087489608292014-12-14T15:33:53.062+05:302014-12-14T15:33:53.062+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
नई पोस्ट : गया से पृथुदक त...बहुत सुन्दर प्रस्तुति.<br />नई पोस्ट : <a href="http://dehatrkj.blogspot.in/2014/12/blog-post_13.html" rel="nofollow"> गया से पृथुदक तक</a><br /> राजीव कुमार झा https://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.com