tag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post5311573607139434179..comments2024-03-28T07:22:54.883+05:30Comments on ram ram bhai: स्वयं की पहचान virendra sharmahttp://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-25372609934368746992013-05-26T19:15:39.276+05:302013-05-26T19:15:39.276+05:30उपाधि की व्याधिउपाधि की व्याधिप्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-48297086705709227632013-05-25T13:47:53.481+05:302013-05-25T13:47:53.481+05:30अत्यंत शांति दायक आलेख, यह तीसरा नेत्र ही सत्य को ...अत्यंत शांति दायक आलेख, यह तीसरा नेत्र ही सत्य को खोजने वाला साधन बन जाता है. ध्यान में इसीलिये भृकुटी (भ्रू-मध्य) पर ध्यान केंद्रित किया जता है. बहुत आभार.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-30257209308920544302013-05-25T10:35:45.521+05:302013-05-25T10:35:45.521+05:30बहुत ही सार्थक और ज्ञानवर्धक आलेख,ईमानदारी की अहम ...बहुत ही सार्थक और ज्ञानवर्धक आलेख,ईमानदारी की अहम भी बाद में दुःख देती है.Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-14820759114696464172013-05-25T10:06:08.010+05:302013-05-25T10:06:08.010+05:30हम जो कर्म करते रहतें हैं उसका संस्कार हमारी आत्मा...हम जो कर्म करते रहतें हैं उसका संस्कार हमारी आत्मा में संचित हो जाता है रिकार्ड हो जाता है ...<br />------------<br />इस पीस की जितनी भी तारीफ़ की जाए, वो कम है....बेहद ही कम.... राहुल https://www.blogger.com/profile/10291047869113788114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-78095363313980597862013-05-24T21:03:03.040+05:302013-05-24T21:03:03.040+05:30आत्मा की खुराक है ख़ुशी .खुश और मौज में रहना इसीलि...आत्मा की खुराक है ख़ुशी .खुश और मौज में रहना इसीलिए हमें अच्छा लगता है .जो खुश नहीं रहता है उसे भी बार बार हम खुश करने की कोशिश करते हैं .ख़ुशी से बड़ी कोई दौलत नहीं है .sacchi bat ...dhanyavad nd aabhar ....Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-75409464217659140272013-05-24T21:03:00.142+05:302013-05-24T21:03:00.142+05:30आत्मा की खुराक है ख़ुशी .खुश और मौज में रहना इसीलि...आत्मा की खुराक है ख़ुशी .खुश और मौज में रहना इसीलिए हमें अच्छा लगता है .जो खुश नहीं रहता है उसे भी बार बार हम खुश करने की कोशिश करते हैं .ख़ुशी से बड़ी कोई दौलत नहीं है .sacchi bat ...dhanyavad nd aabhar ....Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-40024409051428969752013-05-24T20:22:42.764+05:302013-05-24T20:22:42.764+05:30मन की शांति सबसे बड़ी नेमत...
बहुत बढ़िया आलेख सर!...मन की शांति सबसे बड़ी नेमत...<br />बहुत बढ़िया आलेख सर!<br />~सादर!!!Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-27892277616400498672013-05-24T20:03:12.214+05:302013-05-24T20:03:12.214+05:30बहुत सार्थक और ज्ञानवर्धक ....आभार .बहुत सार्थक और ज्ञानवर्धक ....आभार .Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-53309544725415181932013-05-24T18:58:41.602+05:302013-05-24T18:58:41.602+05:30वीरू भाई राम-राम ...
स्वयं से पहचान करने का आभार !...वीरू भाई राम-राम ...<br />स्वयं से पहचान करने का आभार ! बड़ा अच्छा लगा |<br />ॐ शांति ॐ !अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-55556768250185562222013-05-24T17:47:57.448+05:302013-05-24T17:47:57.448+05:30सर जी ,यही अभिमान क्षण भर के लिए
मुछों को ऊपर तो...सर जी ,यही अभिमान क्षण भर के लिए <br />मुछों को ऊपर तो कर देता है ,लेकिन <br />दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में जीवन में अपार<br />और अंतहीन दुखों को विस्फोट करदेता <br />है ,अभिमान से निरंतर बचना ही श्रेष्ठ है अज़ीज़ जौनपुरीhttps://www.blogger.com/profile/16132551098493345036noreply@blogger.com