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मंगलवार, 15 मई 2012

चिकनी चूपड़ी मज़े लेके खाना कटि प्रदेश बढ़ाना



चिकनी चूपड़ी मज़े लेके खाना कटि  प्रदेश बढ़ाना
 
From lips to hips :It takes just three hrs to put on weight /TIMES TRENDS /THE TIMES OF INDIA ,MAY 15 ,P15   
 
पल   भर का स्वाद उम्र भर के लिए चर्बी चढ़ा देगा .ज़रा सोच समझके खाइए चिकनाई सना भोजन .साइंसदानों के मुताबिक़ खाने के चंद घंटों के भीतर ही चर्बी कटि प्रदेश की शोभा बढाने लगती है . दो से लेकर तीन चम्मच भरके चर्बी तीन से चार घंटों के भीतर ही कटि प्रदेश पे चढ़ जाती है .
 
और अगर इसके थोड़ी ही देर बाद यदि आप फिर कुछ टूंगने लगे तब पेट का मोटापा बढेगा .एब्दोमन ओबेसिटी रंग लायेगी .देर रात चटकारे लेके रात का भोजन तसल्ली से मुख्य भोजन के रूप में खाने वाले कृपया नोट करें ऐसा करने पर चर्बी और भी जल्दी चढ़ती है .उदरीय प्रदेश मुखरित होने लगता है .खाते पीते घर के आप जल्दी ही दिखने लग सकते हैं .
 
बेशक इस शोध के ये अन्वेषण परम्परागत सोच को धक्का देते हैं जिसके अनुसार वजन भी बढ़ते बढ़ते ही बढ़ता है मोटापा भी   .
 
       एक दम से नहीं चढ़ जाती है चर्बी .समझा जाता था की खाने से निकली चर्बी पहले आँतों में जाती हुई खून तक पहुँचती है  वहां से  शरीर में दौड़ती है संचरण  के साथ साथ.यहाँ से ज़रुरत के अनुरूप  पेशियों तक पहुँचती है .  फ़ालतू मात्रा ही धीरे धीरे वसा या फिर Adipose tissues तक जाके जमाँ हो जाती है  कटि  प्रदेश ,नितम्ब  जंघाओं आदि के ऊतकों पे चढ़ जाती है जमा हो जाती है .
 
   रिसर्च  के तहत स्वयंसेवियों को फेट  खिलाया गया इसकी तोह शरीर में साफ़ साफ़ ली जा सकी .पता चला घंटे भर में ही यह चर्बी आँतों में जाके टूट जाती है फिर खून में नन्नी नन्नी बून्दियों  के रूप में  दौड़ने लगती है.
 
यहाँ से सारे शरीर में धमा चौकड़ी मचाती है लेकिन ज्यादा देर तक नहीं चलता है यह सिलसिला .पकड़ी जातीं हैं ये बूंदे वसा की और चढ़ जाती है काया पर वेस्ट लाइन पर ,एब्दोमन पर .
 
बकौल    Fredrik Karpe ये काम बहुत तेज़ी से होता है .आप Metabolic medicine विभाग में प्रोफ़ेसर हैं .  

 निष्कर्ष यही है -

 रूखी सूखी खाय के ठंडा पानी पीव ,

देख पराई चुपड़ी मत ललचावे  जीव .


12 टिप्‍पणियां:

  1. चुपड़ी ललचाती रहे, रुखा- सूखा खाव |
    दरकिनार नैतिक वचन, बेशक नहीं मुटाव |
    बेशक नहीं मुटाव, चढ़ी चर्बी है भारी |
    डूब रही है नाव, ढेर काया बीमारी |
    यह प्रस्तुत सन्देश, घुसा के रखियो खुपड़ी |
    लगे हृदय पर ठेस, बुरी है भैया चुपड़ी ||

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  2. बहुत सही कहा है...खाने पर नियंत्रण तो स्वास्थ के लिये ज़रूरी है ही...

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  3. जीव तो नहीं ललचाए पर इस जीभ का क्या करें जो ललचा जाती है चूपड़ी चूपड़ी देख के ...
    राम राम जी ...

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  4. वैसे भी मुझे न चिकनी चुपड़ी बजाने में रस आता न ही खाने में।

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  5. वीरू भाई आप की चेतावनी देती ,,चिकनी-चुपड़ी सीख मान जाओ ,,वरना सेहत की मांगनी पडेगी भीख ..
    आभार आपका!

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  6. ओह ,सावधान हुए -ये कटि प्रदेश क्या मध्य प्रदेश के आस पास होता है वीरू भाई ? :)

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  7. त्वरित टिप्पणी से सजा, मित्रों चर्चा-मंच |
    छल-छंदी रविकर करे, फिर से नया प्रपंच ||

    बुधवारीय चर्चा-मंच
    charchamanch.blogspot.in

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  8. रोचक प्रस्तुतीकरण ... सार्थक जानकारी देती पोस्ट

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  9. रूखी सूखी खाई के ठंडा पानी पीव..

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  10. बहुत लाभप्रद पोस्ट है सही कहा है खाने पर नियंत्रण
    और संतुलित आहार से मोटापा दूर रहता है.

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  11. बहुत सही... सचेत करती पोस्ट...
    सादर आभार सर.

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