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गुरुवार, 9 जून 2011

ये नेशनल एडवाइज़री कमेटी क्या बला है ?

चर्च द्वारा छोड़ी गईं ये मम्मीजी जो करवा दें सो थोड़ा है .बतलादेंआपको इन्हें भारत की राजनीतिक काया पर जबरी थोपा गया है .एक तरफ कुछ लोग हैं जो इनके छोड़े हुए राजनीतिक कुत्ते हैं जो इस दौर में बेहद कुत्ताये हुएँ हैं -कहतें हैं जब संसद है तो ये अन्ना हजारे क्या हैं .ये राम देव जी क्या हैं .ये दोनों -जन कहतें हैं -भ्रष्टा चार मिटाओ ।
वो कहतें हैं इन्हें -हटाओ (गरीबी की तरह ).एलिमिनेट करो इन्हें .रात के घुप्प अँधेरे में हल्ला बोलो इन पर .प्रदर्शन धरनों पर रोक लगाओ .धारा १४४ लगाओ.बड़े फितरती है ये राजनीतिक स्वान ,पशु कुत्ता या तो भौंकता या फिर पूंछ हिलाता है ,ये विरोधी को आगे से भौंकते हैं और पूंछ भी हिलातें हैं ,पूंछ इनकी मालकिन की तरफ होती है .जिसे ठिकाने लगाना होता है उसके सामने इनका पट्टा खोल दिया जाता है ,काम पूरा करके आतें हैं ये .आके मालकिन के चरण चाटतेंहैं -एक साथ दो दो काम कर सकतें हैं ।
एक कमेटी बनाओ -नाम रखो -नेशनल एडवाइज़री कमेटी .तीन सदस्य इसके हिन्दु हैं ,चार मुसलमान हैं .(हिन्दुओं के भी ख़तने किये हुए मिलेंगें ,देख लो आज़माइश करवालो ).ऐसा ही प्रस्ताव है ।
जहां कहीं भी दंगा हो फसाद हो वहां- वहां अल्प संख्यक की रिपोर्ट को अंतिम माना जाए .आगे कोई इन्क्वायरी न की जाए .यही दूसरा प्रस्ताव है .
इस दौर में क्रूरता ,एहंकार और मूर्खता की पराकाष्ठा है .बहु -संख्यकों को जल्दी ही साम्प्रदायिक घोषित किया जाना है .देख लेना हम और आप यहीं हैं ।
मुझे कुछ सवाल पूछना है -
भारत का विभाजन किस आधार पर हुआ था -
(१)क्या वो सब लोग जो इस विभाजन के वक्त पाकिस्तान चले गए सारे के सारे भारत विरोधी थे .?
(२)जो भारत में रह गए वे सारे भारत समर्थक हैं ?भारत धर्मी समाज हैं ।?
(३)क्या हम देश का एक और विभाजन चाहतें हैं ?
(४)कहाँ है भारत धर्मी समाज ?जिसे देखो सेक्युलर है .
इस देश में हज कमेटी को पैसा देना सेक्युलर कर्म है ,अमर नाथ यात्रा के लिए शौचालय बनवाना सांप्रदायिक है ।
इस्लाम कहता है -जो अपने पैसे से अपनी पसीने की गाढ़ी कमाई से हज नहीं करता उसका हज क़ुबूल नहीं होता ।
सरकार कहती है -"जो सरकारी पैसे से हज नहीं करता उसका हज क़ुबूल नहीं होता ।
जब संसद है, एक अदद प्रधान मंत्री हैं असरदार है या सिर्फ "सरदार" है यह और बात है असल बात यह है फिर ये मम्मीजी क्या हैं ?जब संसद है तब इनकी क्या पसंद है ?इन्हें क्या पसंद है ?
क्यों एहम ये सवाल है .?ये सब क्या बवाल है ?
(ज़ारी ...).

4 टिप्‍पणियां:

  1. -नेशनल एडवाइज़री कमेटी ...सारे नेशन को एडवाइज करने वाली कमेटी ...फिर पीएम्,सीएम् , मिनिस्टर क्या करेंगे..सिर्फ भ्रष्टाचार ...

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  2. हम एक बहुत निराशाजनक और आत्मघाती भवितव्यता की और बढ़ रहे हैं ..
    लोक मनोभावों को समझे बिना एक से एक नए क़ानून लागू करने की कवायद
    एक बड़े जन विद्रोह का संकेत दे रही है ..अगले अंक का इंतज़ार !

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