tag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post8830039827889010500..comments2024-03-28T07:22:54.883+05:30Comments on ram ram bhai: Today's valentine :where has the special meaning of Valentine's Day gone ?virendra sharmahttp://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-13620258415152155222013-02-14T13:52:13.312+05:302013-02-14T13:52:13.312+05:30हर पहलू से वेलेंटाइन डे का चित्रण करती रोचक पोस्ट....हर पहलू से वेलेंटाइन डे का चित्रण करती रोचक पोस्ट..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-33073946672937447212013-02-14T12:23:23.585+05:302013-02-14T12:23:23.585+05:30 सर जी ,आप ने सुन्दर और तार्किक
व्याख्या प्रस्... सर जी ,आप ने सुन्दर और तार्किक <br />व्याख्या प्रस्तुत किया है,बहुत सुंदर लेख<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-24194285486167523152013-02-14T12:03:20.987+05:302013-02-14T12:03:20.987+05:30वीरू भाई ....आज का दिन आपको भी मुबारक हो ...:-))??...वीरू भाई ....आज का दिन आपको भी मुबारक हो ...:-))??? राम-राम !अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-69241396486880125222013-02-14T10:51:49.676+05:302013-02-14T10:51:49.676+05:30अच्छी प्रस्तुति सर !
बच्चों का प्रेम ... हर बंधन ...अच्छी प्रस्तुति सर !<br />बच्चों का प्रेम ... हर बंधन से अनजान ...मासूम !<br />युवा पीढ़ी का प्रेम ... सागर में हिलोरे लेने जैसा ... किसी बंधन में न बंधना चाहता !<br />उसके बाद ...... प्रेम एक ठहराव, बंधन में ही सुख की अनुभूति करता ... शांत झील में तैरती नौका जैसे ... !<br />प्रेम जितना बाँटेंगे ... उतना ही मिलेगा .....! बस निश्छल, निष्कपट होना चाहिए .... :)<br />~सादर!!!<br />Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-24084261174153393252013-02-14T10:51:48.339+05:302013-02-14T10:51:48.339+05:30अच्छी प्रस्तुति सर !
बच्चों का प्रेम ... हर बंधन ...अच्छी प्रस्तुति सर !<br />बच्चों का प्रेम ... हर बंधन से अनजान ...मासूम !<br />युवा पीढ़ी का प्रेम ... सागर में हिलोरे लेने जैसा ... किसी बंधन में न बंधना चाहता !<br />उसके बाद ...... प्रेम एक ठहराव, बंधन में ही सुख की अनुभूति करता ... शांत झील में तैरती नौका जैसे ... !<br />प्रेम जितना बाँटेंगे ... उतना ही मिलेगा .....! बस निश्छल, निष्कपट होना चाहिए .... :)<br />~सादर!!!<br />Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-70650440944655620412013-02-14T09:29:26.890+05:302013-02-14T09:29:26.890+05:30बहुत सुंदर लेख जानकारी से भरा बहुत सुंदर लेख जानकारी से भरा musafirhttps://www.blogger.com/profile/11319471665081550579noreply@blogger.com