tag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post8261155302751671415..comments2024-03-28T07:22:54.883+05:30Comments on ram ram bhai: खुला खेल फर्रुखाबादी (लम्बी कविता :डॉ .वागीश मेहता )virendra sharmahttp://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-27050470214072839792012-11-05T20:07:11.041+05:302012-11-05T20:07:11.041+05:30देश खोखला कर दिया, लूट लिया आराम।
फर्रूखाबादी हुए,...देश खोखला कर दिया, लूट लिया आराम।<br />फर्रूखाबादी हुए, फोकट में बदनाम।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-4863938572592665802012-11-05T19:54:10.978+05:302012-11-05T19:54:10.978+05:30sundar aur aakramk prastuti ...sundar aur aakramk prastuti आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो .<br /><br />खुला खेल फर्रुखाबादी ,इसका भी सम्मान करो .<br /><br /> <br />अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है ,<br /><br />हमने तो बस सीखा इतना ,भोजन भूखे का संबल है .<br /><br />इत्मीनान से भोजन करके ,खूब मौज आराम करो ,<br /><br />खुला खेल फर्रुखाबादी ,इसका भी सम्मान करो .Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-24002523935052732722012-11-05T17:12:27.332+05:302012-11-05T17:12:27.332+05:30आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो .
वाह .....आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो .<br />वाह ... बहुत ही बढिया।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-85475618550087345582012-11-05T07:48:03.443+05:302012-11-05T07:48:03.443+05:30 डॉ वागीश जी कविता व तंज बेहद लाजवाब और बेजोड़ हैं।... डॉ वागीश जी कविता व तंज बेहद लाजवाब और बेजोड़ हैं।उनकी कविता साँझा करने के लिए आपका कोटि कोटि धन्यवाद :)Rohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-79451398191605524702012-11-05T03:15:21.552+05:302012-11-05T03:15:21.552+05:30अच्छी खरी-खरी सुनाई हैं !अच्छी खरी-खरी सुनाई हैं !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-73319730448384830712012-11-05T00:43:58.721+05:302012-11-05T00:43:58.721+05:30अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है
बे...अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है <br />बेहद धारदार व्यंग्य गीत <br />SMhttps://www.blogger.com/profile/08421656022621802223noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-74867349116607180272012-11-04T20:14:49.381+05:302012-11-04T20:14:49.381+05:30वाह!
आपकी इस ख़ूबसूरत प्रविष्टि को कल दिनांक 05-11...वाह!<br />आपकी इस ख़ूबसूरत प्रविष्टि को कल दिनांक 05-11-2012 को <a href="http://charchamanch.blogspot.in" rel="nofollow"><b> सोमवारीय चर्चामंच-1054</b></a> पर लिंक किया जा रहा है। सादर सूचनार्थ<br />चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-62931044242951529312012-11-04T19:02:53.317+05:302012-11-04T19:02:53.317+05:30आज तो देश में हर तरफ़ खुला खेल फ़्र्रुखाबादी ही चल...आज तो देश में हर तरफ़ खुला खेल फ़्र्रुखाबादी ही चल रहा है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-44756447516992961512012-11-04T18:11:07.015+05:302012-11-04T18:11:07.015+05:30खुला खेल फर्रुखाबादी तो ठीक है फर्रुखाबादी सलमान ख...खुला खेल फर्रुखाबादी तो ठीक है फर्रुखाबादी सलमान खुर्शीद का क्या करे जिनके घोटाले के बाद प्रोमोशन भी हो गया.<br /><br />वागीश जी कि कविता बहुत सुंदर है और आजके माहौल के लिये सटीक है.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-57634782726709328552012-11-04T18:06:23.398+05:302012-11-04T18:06:23.398+05:30वाह क्या धार हैवाह क्या धार हैKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-88358113352045573432012-11-04T12:52:08.650+05:302012-11-04T12:52:08.650+05:30खुला खेल खेला किये, वाह फरुक्खाबाद |
देश अपाहिज झे...खुला खेल खेला किये, वाह फरुक्खाबाद |<br />देश अपाहिज झेलता, नाजायज औलाद |<br />नाजायज औलाद, निकाला काला मुँह कर |<br />पर कानून विदेश, वजारत करता रविकर |<br />मान रहा सलमान, काम अपना कर प्यारे |<br />मनमोहनी सलाह, लुटेरे चौकस सारे ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-21715028665766676722012-11-04T11:37:21.021+05:302012-11-04T11:37:21.021+05:30कवि का वाक्प्रहार
ये कलम है
या तलवार।
बेहद धारदा...कवि का वाक्प्रहार<br />ये कलम है <br />या तलवार।<br /><br />बेहद धारदार व्यंग्य गीत !<br /><br />महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232721397822804248.post-81068342615973594952012-11-04T11:13:40.399+05:302012-11-04T11:13:40.399+05:30अत्यंत प्रभावशाली रचना हम तक पहुँचाने के लिए वीरें...अत्यंत प्रभावशाली रचना हम तक पहुँचाने के लिए वीरेंद्र सर आपको अनेक-2 धन्यवाद।अरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.com