रविवार, 8 अप्रैल 2012

मधुमेही व्रत उपवास में क्या खाएं ,न खाएं ?



मधुमेही व्रत उपवास में क्या खाएं ,न खाएं ?
निराहार हो या अल्पाहारी उपवास रखने की रीति बद्ध परम्परा भारत में चली आई है फिर चाहें आप शक्कर की बीमारी मधुमेह से ही ग्रस्त क्यों न हों .आप नहीं  मानेगें माहिरों की राय की भैया ये व्रत उपवास ,रोज़ा आपके लिए  नहीं हैं .कमसे कम व्रत -खुराक   पर   ही उनकी  राय भले न माने  जान तो लें  .
रमजान  (रमादान )में खा सकतें हैं आप :
सहरी (पौ  फटने से पहले का  भोजन   )सुपाच्य कार्बोहाइड्रेट्स ,मोटे अनाज और दालें ,बिना या फिर कम पोलिश किया चावल ,होल वीट(भूसी समेत गेंहू -आटा ,ओट्स (जै)आदि .ये खाद्य धीरे धीरे पचतें हैं भूख भी देर तक नहीं सतायेगी .ब्लड सुगर स्पाइक को मुल्तवी रखतें हैं .

लो ग्लाईकेमीक इंडेक्स कुंजी हैइन खाद्यों की .

और इसे भी थोड़ा दिन चढ़ने पर ही लें .पौ फटते ही नहीं .
शाम को रोजा खोलने के वक्त परिष्कृत सुपाच्य खाद्य यथा वाईट ब्रेड ,परिष्कृत आटा तुरत ऊर्जा  आपूर्ति के लिए लिए जा सकतें हैं .
पानी पीते रहना है नान -फास्टिंग अवधि में .जिसमें रोजा खुला हुआ है . हाड तोड़ परिश्रम नहीं करना है रोज़े के दरमियान डायबेटिक्स को .
राम राम भाई !राम राम भाई ! राम राम भाई !

ये चीज़ें खाएं नवरात्र में :
परहेज़ रखें सिंघारा पकवानों ,पकौड़े  ,पूरी पराठे से जो इस दरमियान सिंघारा से तैयार किये जाते हैं .आलू और इसकी बहन अरबी से भी बचें जो विविध व्यंजनों के रूप में परोसे जातें हैं नवरात्र स्पेशल के नाम पर .
फास्ट के दौरान  भी  मधुमेही के लिए ज़रूरी है हर तीन घंटे बाद रेशेदार लो ग्लाईकेमीक इंडेक्स वाली  चीज़े लेते रहना .
करेला (Bitter gourd),काशीफल (सीताफल ,Pumpkin ),पत्तेदार सब्जियां ,सलाद ,लेटस,सेब ,सपरेटा दूध (Light milk )  दही (Low fat curd ) ,खीरा , ककड़ी ,खट्टे (खटास  युक्त )नीम्बू वंशीय फल ,थोड़ा थोड़ा करके (स्माल मिल्स )तीन तीन घंटा बाद लेते रहें .
Low glycemic index Buckwheat flour (कूटू आटा )से  नान  फ्राइड चीज़ें पकाके खाएं .ब्लड सुगर लेविल एकदम से नहीं बढेगा लेकिन तलने के बाद वो बात नहीं रह जायेगी .
मनमाफिक तरल पदार्थों का खूब सेवन करें .खूब पानी पिए ,शरीर में पानी की कमी  न होने पाए .चार्ज रखें बॉडी  को दम खम बना रहेगा उपवास में भी .
सन्दर्भ -सामिग्री :EAT ,PRAY,LOVE ,/Diet dos & don'ts/p22-25/diabetic LIVING ,INDIA,NOV-JAN 2012.
लेबल  :व्रत उपवास में मधुमेही क्या खाएं न खाएं. 
राम राम भाई !  राम राम भाई !   राम राम भाई !

शनिवार, 7 अप्रैल 2012

कहाँ ले जायेगी हमें ये अंध आसक्ति ,वस्तु रति ,गेजेट प्रेम ?

कहाँ ले जायेगी हमें ये   अंध  आसक्ति  ,वस्तु रति ,गेजेट प्रेम ?क्या आदमी को ऊर्जा हीन ,उत्साह च्युत सोचने समझने में असमर्थ बनाके छोड़ेगी .
मुझे याद है जब मैं पहली मर्तबा अपमे यू. एस .प्रवास     के बाद भारत लौटा था ,मेरे पास एक बेटरी चालित टूथ ब्रश था बस पेस्ट  लगाके आप एक स्विच दबा दो   और ब्रश अपने सही एक्शन में दांत साफ़ करने लगता था ,तब एक सुग्य  विदूषी महिला के मुख से सहज भाव निकला था भाई साहब आलस्य   की भी हद है ये गोरे दांत साफ़ करने के लिए हाथ भी नहीं हिलाना चाहते .
आज इस विदूषी  महिला को यदि बतलाऊँ ,की ऐसे स्मार्ट लेंस (वास्तव में फ्रेम मात्र जिनमे कोई लेंस नहीं है )  का प्रारूप गूगल ने बना लिया है जिसमे इलेक्त्रोनिकी की मदद  ली   गई है .जो अभिनव जैव नैनो प्रोद्योगिकी का करिश्मा है जिसके तार न सिर्फ सीधे   इंटरनेट   से जुड़े हैं ,गूगल मैप से भी  जुड़े हैं ,जो कैमरा भी है ,टी .वी भी ,रीयल टाइम मैप भी ,बस एक बटन भर दबाने की देर है .औग्मेंतिद रियलिटी हाज़िर है .आँखों के आगे एक परदे पर जिसे मात्र एक चश्मे के फ्रेम की तरह पहना ओढा गया है .
मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ वह जैव -नैनो -गिज्मो   आपको  दिखाता  हूँ -तब क्या हो  ?वह मोहतरमा  दांतों  तले ऊंगली  दबा  ले .
ये फ्यूजन है टेक्नोलोजी का ,मिश्र है जैव -नैनो -प्रोद्योगिकी का जहां फेरबदल आणविक संरचना के स्तर पर करके द्रव्य  के गुण धर्म बदल दिए गए है .
इसे  प्रोजेक्ट  कोंटेक्ट  लेंस कहा  जा  रहा   है .यही   है भविष्य   की टेक्नोलोजी .नाइके ने इसी बरस एक कंगन ,ब्रेसलेट की बिक्री शुरू की थी जो आपकी हर गतिविधि पर नजर रख सकता है .
तो  ज़नाब अब रेप अराउंड ग्लासिज़ का दौर आने वाला है मज़े दार बात  यह है इसमें लेंसिस नहीं होंगे सिर्फ फ्रेम होगा .इसी में नैनो कैमरे फिट होंगे 'ऑन लेंस डिस्प्ले होगा मनमाफिक आंकड़ों का .
गूगल जल्द से जल्द   व्यवहार  में लाये  जाने   लायक   प्रोद्योगिकी का हिमायती   है , दस साला खाब नहीं बेचता है एपिल की तरह .ये दोनों निगमों का टेक युद्ध है .
साइंस फिक्शन टॉय का युग दस्तक देने लगा है .
गत दशक की एक हालीवुड फिल्म 'माइन्योरिती रिपोर्ट में 'एक पात्र हस्त मुद्रा से एक फ्लोटिंग कंप्यूटर के सारे आंकड़े बदल देता है .
हम ऐसे ही ह्यूमेन कंप्यूटर इंटर फेस में प्रवेश ले रहें हैं .कुछ, कह सकतें हैं यह प्रोद्योगिकी की अति है ,अपच है, ओवर डोज़ है .कहाँ जाके रुकेगी यह प्रोद्योगिकी की भूख ?
घिसा पिटा फेशन बन रही है प्रोद्योगिकी .प्रकृति से पर्यावरण से हम कटते जा रहें हैं .साइबर स्पेस के होके रह गए हैं हम .स्मार्ट फोन्स ,आई -फोन्स ,आई -पैड्स क्या कम थे ?
क्या यह प्रोद्योगिकीय   सनक    नहीं है ?
'Obsessive compulsive technological disorder'    नहीं  है  .
क्या कीजिएगा कल इन जादुई ग्लासिज़ का ?वंडर ग्लासिज़ का .क्या यह हमें हमारी दुनिया रीयल वर्ल्ड से काटने की साजिश नहीं है ?क्या कीजिएगा उस सूचना के समुन्दर का जिसे आप बटोर न सके जो आपका रोज़ मर्रा के कामों से ध्यान हटाये भंग करे ?कैसा नशा है यह ?ये कैसी    kanektiviti       है .oxsymoron है विरोधालंकार है भदेस   सौन्दर्य    है ,अगली  ब्यूटी  है ?
ईयर फोन्स ,आइपोड्स धारी यु-  वा अपने आस पास से बेखबर ट्रेफिक से लापरवाह ,रेश ड्राईविंग का शिकार हो रहा है .

3 टिप्‍पणियां:

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

करेला (Bitter gourd),काशीफल (सीताफल ,Pumpkin ),पत्तेदार सब्जियां ,सलाद ,लेटस,सेब ,सपरेटा दूध (Light milk ) दही (Low fat curd ) ,खीरा , ककड़ी ,खट्टे (खटास युक्त )नीम्बू वंशीय फल ,थोड़ा थोड़ा करके (स्माल मिल्स )तीन तीन घंटा बाद लेते रहें .
bahut acchi jankari diabitic ke liye......

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

व्रत और त्योहार से भरे देश के लिये उपयोगी पोस्ट

दिगम्बर नासवा ने कहा…

व्रत का खाना क्या न खाना ... सभी जवाब हैं आज ...
राम राम जी ...